Monday, June 27, 2022

Mother Lapwing (माँ टिटिहरी)

 माँ टिटिहरी। (Mother Lapwing)


टिटिहरी एक रहस्यमय पक्षी है। पौराणिक काल से इसकी कहानियाँ लिखी गई है। भारत के सभी प्रदेशों में टिटिहरी पाई जाती है। जलीय, खेतों की जमीन के खुले व सुखे वातावरण, ताजे पानी की दलदल, झीलों के किनारों और रेतीले पथरीले नदी तटो में यह पाई जाती है। 


मातृत्व शक्ति और निडरता से भरी है मनमौजी चिड़िया एक ऐसा अनोखा पक्षी है जो उड़ता कम है और अपना अधिकांश समय जमीन पर बिताता है। वह किसी से भी लोहा ले सकती है। उसकी दरिया से लड़ाई की कहानी आपने सुनी ही होगी। अपने अंडों को डूबो देने वाले दरिया को रेत से भर देने वह निकल पड़ती है। 


टिटिहरी बाहरी आक्रमणों के प्रति अत्यंत सजग रहने वाली चिड़िया होती है। उसे अपने अंडों और बच्चों की रक्षा की फ़िक्र हमेशा लगी रहती है। जो खतरा महसूस होते ही तीव्र ध्वनि के साथ शोर मचाती है। टिटिहरी की आवाज तेज और वेधक होती हैं। 


टिटिहरी मादा तो अंडों के पास रहती ही है पर नर भी उसे दाना पानी जुटाने में मदद करता है।जब तक अंडे परिपक्व होकर फोड़ने की स्टेज पर आते हैं दोनों साथ होते हैं। टिटिहरी चार पांच अंडे देती है उनमें कम से कम तीन बच्चे तो सलामत निकल आते हैं।जब भी कोई आता है वे शोर मचाने लग जाते है।अंडों से बच्चे निकलते ही मां के साथ चलना व दाना चुकना शुरू करते हैं जो आदमी के बच्चों को कम से कम दो साल का समय लगता है। टिटिहरी के नवजात बच्चों को खतरे का आभास होते ही मां के पास भागते हैं। नर टिटिहरी भी कभी साथ और कभी दाना लाने चला जाता है।कुदरत ने पेरेंटल ज़बाब दारी निभाने का दायित्व कनसेप्शन के दिन से ही दे दिया जब वे पहले बच्चे देने सुरक्षित स्थान के चयन में लग जाते हैं।


रात में जब सब चिड़िया अपने घोंसले में सो जाती है टिटिहरी उड़ती और आवाज़ करती सुनाई देती है। मेरे घर के पास एक सूखा तालाब है। किसी दिन पढ़ते पढ़ते देर रात हो जाती है तब उस नीरव शांति में टिटिहरी की आवाज़ एक मज़ेदार कंपनी बन जाती है। 


आपको पता है टिटिहरी रात में पीठ के बल सोती है और अपने पैर आसमान की और फैलाये रखती है। किसी निशाचर पक्षी ने पूछा, अरी ओ टिटिहरी तुम रात में ऐसे पैर उपर कर पीठ के बल क्यों सोती हो? पता है टिटिहरी ने क्या जवाब दिया? 


यह आसमान जो उपर दिख रहा है वह अगर मेरे बच्चों पर रात में गिरेगा तो मैं मेरे पैरों से उसे रोक दूँगी। है न हिम्मतवाली? 


माँ चाहे इन्सान की हो या पशु पक्षी की। माँ, माँ ही होती है। किसी से नहीं डरती। अपने बच्चों की हमे रक्षा करती है। उसकी बराबरी और कोई नहीं कर सकता। 


अब जब टिटिहरी को देखो तब गौर से देखना। आप की हिम्मत बढ़ जायेगी। 


पूनमचंद 

१२ जून २०२२

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