Saturday, December 17, 2022

The Brahman

 ब्रह्म कैसे ब्रह्मज्ञानी बनेगा? 

शिव कैसे शिवज्ञानी कैसे होगा? 

ज्ञान स्वरूप कैसे ज्ञानी हो सकता है? 


बंधन, मुक्ति, ज्ञानी, अज्ञानी, जीवन, मरण, जन्म पुनर्जन्म, इत्यादि सब अनात्म स्थिति का मंथन है। 


शुद्ध चैतन्य सद सर्वदा नित्योदित है जिस का न सर्जन और विसर्जन है। आप और हम वही तो है।🌷


पूनमचंद 

१३ दिसंबर २०२२

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